मेक्सिकों में आयोजित अंर्तराष्टीय चित्रकला में देश से एकमात्र चयन ब्राजील, चेक रिपब्लिक सहित अन्य देशों में भी कर चुके प्रतिनिधित्व
उज्जैन। भारतीय संस्कृति, धर्म और आध्यात्म जैसे विषयों पर आज के युवाओं की समझ कम हैं। साथ ही युवा वर्ग इन विषयों में ज्यादा रुचि रखना भी नहीं चाहते है, लेकिन उज्जैन के युवा कलाकार सतीश सक्सैना अपनी कला और प्रतिभा के दम पर भारतीय अध्यात्म का डंका विदेशों में बजा रहे हैं। करीब 60 देशों कलाकारों के साथ जुड़कर सतीश अध्यात्म और भारतीय संस्कृति से जुड़े विषयों पर काम करते हैं। सतीश के साथ एक नई उपलब्धि भी जुड़ गई हैं। मैक्सिको में आयोजित अंर्तराष्टीय चित्रकला प्रदर्शनी में सतीश की प्रदर्शनी का चयन किया गया हैं। यह प्रदर्शन 21 से 30 जून तक आयोजित हो रही हैं। इसमें करीब 31 देशों के कलाकार प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। भारत से एकमात्र सतीश को अवसर मिला हैं।
शिव और कृष्ण पर चित्रकारी
सतीश अध्याम से जुड़े विषयों के लिए भगवान शिव और योग से जुड़े विषयों पर भगवान कृष्ण के माध्यम से चित्रकारी से संदेश देते हैं। इसी से संबंधित चित्र समय-समय पर यह देश-विदेश की प्रदर्शनी में भेजते हैं। इससे पहले ब्राजिल, चेक रिपब्लिक, मैक्सिको में आयोजित अन्य प्रदर्शनी में हिस्सा ले चुके हैं। लॉकडाउन के कारण इस बार कलाकारों को आंमत्रित नहीं किया गया।
सांस्कृतिक क्षेत्र में सक्रिय युवा
उज्जैन निवासी सतीश सक्सैना चित्रकला और मूर्तिकला के युवा कलाकार हैं। वह खुद की प्रतिभा को निखारने के साथ नए कलाकारों को भी तैयार करते हैं। मिट्टी की प्रतिमा का प्रशिक्षण देना, संगीत और अन्य विधाओं के प्रशिक्षण कक्षा संचालित करते हैं। सतीश योग और अध्यात्म से जुड़े संदेश भगवान शिव और कृष्ण के चित्र के माध्यम से देते हैं। इनके द्वारा तैयार किए गए चित्र विदेशों में आयोजित होने वाली प्रदर्शनी में भी चयनित किए जाते हैं। यह बात इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि इनके अधिकांश चित्र अध्यात्म से जुड़े रहते हैं।