राज्यपाल ने 2018 में लागू किया प्रदेश एक समान अध्यादेश, विक्रम विश्वविद्यालय में तीन साल में नहीं हो पाया लागू
उज्जैन. प्रदेश की उच्च शिक्षा को पटरी पर लाने के लिए सरकार और राजभवन ने कई प्रयास और निर्णय किए, लेकिन इन प्रयासों का विश्वविद्यालयों पर कितना असर होता हैं। इस बात का अंदाजा ताजा मामले से लगा सकते हैं। राजभवन ने तीन साल पर पहले परंपरागत विश्वविद्यालय में एक समान अध्यादेश लागू किया गया। विवि प्रशासन ने मई 2018 कार्यपरिषद की बैठक में उक्त अध्यादेश को अंगीकृत भी कर लिया, लेकिन यह लागू नहीं हो सका। ऐसे में विवि में हालात यह बन रहे है कि वाणिज्य अध्ययनशाला में प्रबंध विषय का कोर्स बीबीए आॅनर्स संचालित हो रहा हैं। बता दे कि यह पूरी तरह से खुलेआम अध्यादेश का उल्लंघन है। साथ ही कोई भी ऐसी समस्याओं का समाधान करने को तैयार नहीं हैं। इस संबंध में विवि के कुलानुशासक डाॅ. शैलेंद्र कुमार शर्मा से सम्पर्क करने की कोशिश की। तो वह दो दिनों से व्यस्त ही आ रह हैं।
अध्यादेश में तय होते विभाग और कोर्स
विश्वविद्यालय में सभी कार्य विश्वविद्यालय अध्यादेश के अधीन होते हैं। अध्यादेश में वर्णित होता है कि कितने संकाय कला, तकनीकी, चिकित्सा आदि होंगे। संकाय के अधीन अध्ययनशाला काॅमर्स, प्रबंध, हिंदी आदि स्थापित होगी। अध्ययनशाला में कोर्स बीए, एमए, बीबीए आदि संचालित होता हैं। इसकी पूरी लिस्ट विवि बेवसाइट पर अपलोड हैं। वहीं अगर बीबीए कोर्स की बात करें। तो यह प्रबंध अध्ययनशाला के अधीन आता हैं। प्रबंध अध्ययनशाला प्रबंध संकाय के अधीन आती हैं। विवि प्रशासन ने वर्ष 2020 में प्रवेश की तैयारी शुरु की हैं। इस सूचना में बीबीए आॅनर्स को वाणिज्य अध्ययनशाला में दिखाया हैं।
पहले से वाणिज्य संचालित बीबीए
विक्रम विश्वविद्यालय ने करीब 10 साल पहले बीबीए आॅनर्स कोर्स शुरु किया। तब समय तकनीकी समस्या के चलते प्रबंध अध्ययनशाला ने उक्त कोर्स को संचालित करने से मना कर दिया। ऐसे में कोर्स वाणिज्य अध्ययनशाला को सौंप दिया। हालांकि डिग्री प्रबंध विषय की दी जाती थी। अब पूरी तरह से प्रदेश में एकरुपता अध्यादेश लागू किया जा चुका हैं। ऐसे में विक्रम विवि में भी परिवर्तन किया जाना तय हैं